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Tuesday, December 2, 2008

एक उत्तर भारतीय का दर्द

ये सन्देश मुझे मेरे एक साथी ने जो मुंबई में रहता है ने ऑरकुट पर भेजा है

anjule:
कहाँ हैं राज ठाकरे.....और उसकी बहादुर gundo ki ''महाराष्ट्र नव-निर्माण सेना' ?? उसको बताओ.....200 एन0 एस0 जी0 कमांडोज़ ( जिनमें कोई 'मराठी-मानुष' नहीं है....सब या तो उत्तर भारतीय हैं या दक्षिण भारतीय) जो भेजे गए उसकी तथाकथित 'आमची मुंबई' को आतंकवादियों से बचाने के लिए. जिन्होंने इसलिए अपनी जान दी ताकि 'वो' जिंदा रह सके......जिन्होंने इसलिए अपनी नींदों की कुर्बानियां की ताकि 'वो' चैन से सो सके. जिन्होंने अपने लहू की सुर्खी से "आमची मुंबई'' नहीं ''अपनी मुंबई'' के माथे पर अपनी शहादत से तिलक कर दिया...........मुंबई किसी के 'बाप' की नहीं....''भारत माँ'' की है. हर हिन्दुस्तानी की है.....बिल में छिपे 'भाषावादी चूहों' से कह दो की अब वो बाहर आ जाएँ, बहादुर शेरों ने.....(वो चाहे किसी भी फोर्स के हों .....किसी भी राज्य के हों) मुंबई के खूबसूरत गुलिस्तान में घुसे वहशी भेड़ियों के कायर कलेजे अपने जूतों की एडियों के तले मसल कर रख दिए हैं.....!!!
इस मुठभेड़ में शहीद हुए हर बहादुर हिन्दुस्तानी की शहादत को सलाम.......!!!!