यह लेख मुझे मेरे एक मित्र अभय ने दीपावली के सन्देश के रूप में भेजा है मुझे लगा शायद ये हम सब की कहानी है इसलिए ये आप सब के लिए
दीपावली जादू है।
तिलिस्म है अनोखा।
आपको एेसा नहीं लगता!!!
मैं तो बड़ी शिद्दत से इस बात को महसूस करता हूं।
चाहे किसी भी जगह सदियों से कोई रोशनी नहीं गई हो।
अंधेरा जम कर सर्द और घना हो गया हो।
कुछ भी साफ न हो।
वहां भी रोशनी के आते ही जादू होता है।
बस एक किरण अाैर अंधेरे का खात्मा ।
काफूर हो जाता है।
है ना जादू ।
दोस्तों एक बार फिर दीपावली करीब आ गई है।
भागदौड़ से भरी इस नौकरी में भी कुछ दिन होते है जब हम अपने जड़ों की ओर अनायास ही लौट जाते हैं। एेसे ही चंद दिनों में यह त्यौहार भी शामिल है। इस त्यौहार पर मैं जहां भी रहा घर की कमी या अपनों के साथ न होने के एहसास से साराबोर रहा। सच में मुझे घर की बहुत याद आती है। मां-बाप, भाई-बहन, पुराने दोस्त, मोहल्ले के रास्ते, कुछ हंसी , कुछ पकवान, पेंट की खुशबू, नए कपड़े, दीप और तेल, बिजली के झालर, बचपन की बेफ्रिकी और घर पर होने वाली पूजा में देरी, पटाखों का उल्लास। बता नहीं सकता हर चीज की जबरदस्त कमी महसूस होती है। मुझे कई दीपावली याद है। हमारे यहां हर साल इसी रात को रजाई ओढऩा शुरू करते थे। तमाम बातें है। भूली बिसरी सी। एेसा लगता है यादों के झरोखा बड़ा होकर दरवाजा बन जाता हो। ज्यादा नहीं कुछ साल पहले की बात है। हमलोग साथ ही यह त्यौहार मनाते हैं। आज सब अलग-अलग है। सालों हो जाते हैं एक साथ मिले।
फिर दीपावली आई है।
मौका है।
पर साथ नहीं है।
घर पर मां बाप अकेले होंगे।
फोन पर दीपावली मना ली जाएगी।
किसी की प्रेमिका होगी ।
वह उसके साथ दीपावली मनाएगा।
कोई दोस्तों के साथ मौज मस्ती करेंगे।
बहरहाल पहली बार मैं मेरठ में रहूंगा। अभी डेढ़ माह पहले ही यहां आया हूं। ना तो मैं मेरठ को और ना ही यह शहर मुझे जानता है। एेसे में यहां दीपावली मनाना एक नया अनुभव होगा। मैं तो पूरी तरह तैयार हूं। दीपावली मनाने के लिए । हालांकि मेरी उम्मीद और तैयारी का बड़ा दारोमदार उससे पहले मिलने वाले वेतन पर निर्भर करेगा।
मेरी ओर से आप तमाम लोगों को इस पर्व की ढेर सारी शुभकामनाएं।
दीपावली की शुभकामनाएं।
आशा है आप इस अवसर का पूरा आनंद उठा पाएंगे।
यह आपकी जिंदगी को रौशन करेगी।
है ना जादू।
Happy Diwali To you and Your Family
Let the festivity embrace you..
let there be light
regards
abhay
HT Media LTd
Meerut
2 comments:
bachpan me sochte hai
badaa ho jayenge to...
per ye nahi soch pate kee
shishe ke samne khade ho jayenge...
kahte hai aaina sab bayan karta hai
per ye dikha nahi pata...
jo ham chahte hai....
aakhir kyon ...........?
bade hote hai..aur shishe ke samne khade hote hai...
आपको एवं आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.
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