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Thursday, April 10, 2008

मेरा भारत महान

रविन्द्र

मेरा भारत महान,
100 में से 99 बेइमान,
अगर ये होता भारत का नारा,
तो अच्छा होता,
क्योंकि इसमें कुछ तो सच्चा होता।
आज़ादी के हर नारे को,
इन बेइमानो ने सूली दिया है टांग,
क्योंकि बेइमानों का यही है असली काम।
और फिर निकले हैं देश चलाने कि राह में,
बेच के अपना दीन और ईमान।
देते हैं हज़ारों सपनों की आस,
फिर कर देते हैं उन्हे अपने बेइमानी के बिल से पास।
फिर न जाने क्यों लगता है अभी भी है कुछ आस,
उसके बाद भी होता नहीं है कुछ खास।
न जाने कब वो दिन आएगा,
जब बेइमानी का चोला इस दुनिया से उठ जाएगा।
तब देखेंगे हम भारत का नया चेहरा,
जिसमें बेइमानी का कभी न होगा बसेरा।

2 comments:

राज भाटिय़ा said...

विकास शिशोदिया भाई भारत तो सच मे महान हे भारत कया सारी जमीन ही महान हे लेकिन उस मे रहने वालो को गाली दो उस जमीन को नही, देश सभी महान हे बात देश वासियो कि करो,

putul gupta said...

ye haqiqat hai ki hamare desh me kafi beiman hai lekin itni hatasha theek nahi. mera manna hai ki galti nikalne ke bajaye hame usme kuchh sudhar karna chahiye.khair ye apki soch hai aur niji hai. chanakya ne kha hai ki koi satta me rhe aur beiman na ho ye theek waisee hi bat hai ki kisi kee jibh me chini rkh dee jaye aur kaha jaye ki tumhe ye mithi nahi lagni chahiye. asal sawal ye hai ki ye mithas kaise bade. jab tk log khud apne liye ladne ko taiyar nahi hote kuchh nahi ho sakta.